मॉनसून में डेंगू और चिकनगुनिया आम बीमारियां हैं। इन दोनों ही बीमारियों का कारण मच्छर होते हैं। दोनों बीमारियों का मुख्य लक्षण बुखार है। मगर कई बार लोगों में डेंगू और चिकनगुनिया को लेकर भ्रम की स्थिति हो जाती है। अगर सही समय पर लक्षणों को पहचानकर इन बीमारियों का इलाज न शुरू किया जाए, तो दोनों ही बीमारियां खतरनाक साबित होती हैं। इसलिए इन बीमारियों से बचाव के लिए आपको डेंगू और चिकनगुनिया के बीच अंतर का पता होना जरूरी है।




डेंगू और चिकनगुनिया में अंतर
डेंगू और चिकनगुनिया दोनों ही बीमारियां मच्छरों के काटने से होती हैं। चिकनगुनिया का कारण जीनस अल्फावायरस होता है, जो एडीज प्रजाति के एजिप्टी और एल्बोपिक्टस मच्छरों के काटने से फैलता है जबकि डेंगू का कारण जीनस फ्लेवीवायरस होता है, जो एडीज प्रजाति के केवल एजेप्टी वायरस के कारण फैलता है। दोनों ही बीमारियों के शुरुआती लक्षण एक समान होते हैं इसलिए कई बार इनमें लक्षणों के आधार पर अंतर कर पाना मुश्किल होता है। हालांकि इन लक्षणों के आधार पर इनका पता लगाया जा सकता है।

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डेंगू के लक्षण
आंखें लाल हो जाती हैं और स्किन का रंग गुलाबी हो जाता है।
गले के पास की लिम्फ नोड सूज जाते हैं।
डेंगू बुखार 2 से 4 दिन तक रहता है और फिर धीरे धीरे तापमान नार्मल हो जाता है।
बुखार के साथ-साथ शरीर में खून की कमी हो जाती है।
शरीर में लाल या बैगनी रंग के फफोले पड़ जाते हैं।
नाक या मसूड़ो से खून आने लगता है।
डेंगू की शुरूआत तेज बुखार, सिरदर्द और पीठ में दर्द से होती है।
शुरू के 3 से 4 घंटों तक जोड़ों में भी बहुत दर्द होता है।
अचानक से शरीर का तापमान 104 डिग्री हो जाता है और ब्लड प्रेशर भी नार्मल से बहुत कम हो जाता है।
चिकनगुनिया के लक्षण
तेज बुखार होना।
तेज बुखार होने का पैर, हाथ और कलाई में हल्के सूजन के साथ गंभीर दर्द होना
गंभीर पीठ दर्द
सिरदर्द
थकान के साथ मांसपेशी में दर्द
त्वचा पर लाल रंग के चकत्ते का होना जो आमतौर से 48 घंटों में दिखाई पड़ते हैं
गले में खराश होना
आंखों में दर्द और कंजेक्टिवाइटिस होना
कई महीनों और वर्षों तक शरीर में दर्द रह सकता है
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चिकनगुनिया के खतरे
चिकनगुनिया बुखार 2 से 12 दिन तक रहता है लेकिन रोगी को इससे उबरने के लिए महीनों लग जाते हैं। कई बार चिकनगुनिया के मरीज को जोड़ों के दर्द की समस्या 3 महीने से 2 साल तक झेलनी पड़ती है। शरीर में पानी की कमी हो सकती है। इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन, निमोनिया, सांस संबंधी बीमारियां आदि चिकनगुनिया के प्रभाव से हो सकती हैं।

कैसे कर सकते हैं डेंगू चिकनगुनिया से बचाव
डेंगू और चिकनगुनिया के लक्षणों के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। अगर मरीज की स्थिति ज्यादा गंभीर है, तो उसे अस्पताल में भर्ती करना चाहिए। इसके अलावा दोनों ही रोगों में शरीर को तरल पदार्थों की ज्यादा जरूरत होती है इसलिए तरल पदार्थों का लगातार सेवन करना चाहिए। बुखार के साथ दर्द और ठंड महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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